बंद कार में कार्बन मोनोऑक्साइड जहर का काम करता है
कार में एसी ऑन करके रहने का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि इसके कारण व्यक्ति को फ्रेश ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। वहीं कार्बन डाइऑक्साइड पूरे सारे में रिसाइकल हो होकर घुमता रहता है। पर सबसे ज्यादा जानलेवा कार्बन मोनोऑक्साइड है, जो कि अक्सर कार में सोने वाले लोगों की मौत का कारण होता है। दरअसल ये आपकी कार के बाहर धुएं के साथ निकलने वाला मुख्य घटक है, जो कि कार बंद होने के कारण आपके केबिन में बड़ी मात्रा में जमा हो जाता है। कार्बन मोनोऑक्साइड के साथ समस्या यह है कि ये गंधहीन गैस है और इसलिए आपको एहसास भी नहीं होगा कि आप सांस लेने के साथ कितना जहर अंदर ले रहे हैं और धीमे-धीमे ये आपकी जान ले लेता है।

क्यों खतरनाक है कार में एसी ऑन करके सोना
कार में सोते हुए मौतों का एक बड़ा कारण कार में एयर कंडीशनर की खराबी भी है। दरअसल अगर आपकी कार का एसी खराब है, तो ये अंदर की हवा को पूरी तरह से ताजा नहीं कर पाएगा और इससे कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर बढ़ जाएगा। इस तरह ये कार्बन मोनोऑक्साइड कार में सोए हुए व्यक्ति को मार भी सकता है।

कार्बन मोनोऑक्साइड का आपके शरीर पर असर
कार्बन मोनोऑक्साइड आपकी कोशिकाओं तक ऑक्सीजन ले जाने की ब्लड की क्षमता को कम कर देता है और ऑक्सीजन की कमी के कारण लोग मर जाते हैं। कुछ का तर्क हो सकता है कि खिड़कियां खुली रखने से कार्बन मोनोऑक्साइड संचय को रोका जा सकता है। लेकिन यह केवल आंशिक रूप से मदद करेगा। शोधकर्ताओं ने ड्राइवरों को लंबी अवधि के लिए कार के अंदर सोने से बचने की सलाह दी है। इसके बजाय एक कार के बाहर एक छोटा ब्रेक ले सकते हैं जहां हवा अधिक ताजा है।

कार में ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए क्या करें?
-ड्राइवरों को अक्सर सलाह दी जाती है आप केवल आपातकालीन स्थिति में ही कार में सोएं पर आम लोगों को इसे पूरी तरह से करने से बचना चाहिए।
– साथ ही जब आप जाग रहे हों तब भी आपको लंबे समय तक गाड़ी चलाते समय ब्रेक लेना चाहिए।
-हमेशा खिड़की बंद करके गाड़ी न चलाएं।
-एसी चेक करवाते रहें, खास कर जब आप लंबी दूरी पर कहीं जा रहे हों।
-आप अपनी कार में कोई बेंच या कुछ ऐसा रखें कि आपात स्थिति में आप उसे बाहर लगाकर सो पाएं।