Wellness
oi-Seema Rawat
हाल ही में सोशल मीडिया में संजय दत्त की एक फोटो वायरल हुई थी, जिसमें वे काफी कमजोर नजर आ रहे थे। इसे लेकर कहा जा रहा था कि कीमोथेरेपी की वजह से उनका वजन गिर गया है। लेकिन कुछ मीडिया सोर्स के अनुसार वो कीमो की बजाय इम्युनोथेरेपी करवा रहे हैं।
यह एक नई तकनीक है। जिसमें शरीर की प्रतिरक्षक कोशिकाएं, कैंसर की मेलिनेंट कोशिकाओं से लड़ने में मदद करती हैं आइए जानते हैं कि कैंसर में कितनी प्रभावी है इम्युनोथेरेपी।
इस थेरेपी में स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान नहीं होता
इम्युनोथेरेपी लेने से बीमारी से लड़ने की ताकत इतनी मजबूत हो जाती है कि कैंसर तक का मुकाबला किया जा सकता है। रिपोर्ट में बहुत से लोगों को इम्युनो ओंकोलॉजी से फायदा हुआ है। इस तकनीक में हर इंसान की जरूरत को ध्यान में रखते हुए इम्युन बूस्टर थेरेपी दी जाती है। लिहाजा इम्युन सेल्स खासतौर पर कैंसर की कोशिकाओं पर हमला करती हैं और शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती। इस थैरेपी से न केवल रोग के दोबारा होने की संभावना कम हो जाती है बल्कि इलाज के पारम्परिक तरीकों के कारण होने वाले साइड इफेक्ट्स से भी मरीज को बचाया जा सकता है।
कीमोथेरेपी में हेल्दी सेल्स भी बुरी तरह प्रभावित होती हैं
कीमोथेरेपी के मुकाबले यही यहां फर्क है। कीमो के दौरान हेल्दी सेल्स भी अफेक्ट हो जाती हैं। नतीजतन कैंसर रोग के दोबारा होने के आसार रहते हैं। संजय दत्त इम्युनोथेरेपी ले रहे हैं। इससे इलाज के साइड इफेक्ट से वो बचे रह सकते हैं।