रिश्ता टूट जाने के गम से उबर पाना बेहद मुश्किल होता है। हालांकि, एक शख्स ने दुख में डूबे रहने की जगह खुद के लिए खुशी का ऐसा नया रास्ता बना डाला, जिसने सभी को हैरान कर दिया।

मंगेतर ने तोड़ा रिश्ता तो शख्स ने की अपने आप से शादी, सोशल मीडिया पर शेयर की तस्वीरें और पूरी कहानी
एक शख्स ने बड़ी उम्मीदों और प्यार से अपनी शादी की पूरी प्लानिंग की। एक-एक मोमेंट को परफेक्ट बनाने के लिए जमकर पैसे भी खर्च किए।
बस रह गया था तो शादी के दिन दूल्हा-दुल्हन का ‘I Do’ कहना। लेकिन इससे पहले ही होने वाली ब्राइड ने रिश्ता और दिल दोनों तोड़ दिए। यह इंसिडेंट ब्राजिल के Dr Diogo Rabelo के साथ हुआ है। हालांकि, उन्होंने इस घटना के कारण खुद को दुख में डुबाने की जगह अपने आप को ही शादी का तोहफा देने का फैसला किया।
अब डियोगो भी उन लोगों में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने अपने लिए Sologamy यानी सेल्फ-मैरिज का रास्ता चुना। तेजी से बढ़ते इस चलन को चुनने के पीछे की पूरी कहानी भी उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर की है। (सभी फोटोज:इंस्टाग्राम@Dr Diogo Rabelo )
एक्स को बताया ‘टीचर’
डियोगो ने बताया कि जुलाई के महीने में उनका और मंगेतर का रिश्ता टूट गया था। इसने उन्हें सबसे बड़ा सबक सिखाया। उन्होंने अपनी पोस्ट में एक्स को ‘ग्रेट टीचर’ बताया और लिखा ‘तुमने मुझे दिखाया कि मैं कितना स्पेशल हूं और मुझमें सपनों को पूरा करने की कितनी काबिलियत है, जिनमें से एक है यह कमिटमेंट करना कि दूसरों से पहले मैं खुद से प्यार करूं।’ इस शादी पर डियोगो ने करीब 50 लाख रुपये खर्च किए हैं।
‘खुशी के लिए शादी पर निर्भर नहीं’
एक लोकल मीडिया आउटलेट Globo से बात करते हुए इस ग्रूम ने अपनी फीलिंग्स जाहिर कीं ‘मैंने पूरी स्थिति पर करीब एक महीने तक विचार किया और फिर निर्णय लिया कि मुझे खुद की कदर करना और अपने आप से प्यार करना सीखना होगा। मैंने 50 लोगों को न्योता दिया था, जिनमें से 40 शामिल हुए। इस शादी से मैं लोगों को ये संदेश देना चाहता था मैं अपनी खुशी के लिए शादी पर निर्भर नहीं हूं।’
बढ़ रहा Sologamy का चलन
-sologamy-
इस विषय पर प्रकाशित हुई कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, सलोगमी का चलन खासतौर से यूके, ऑस्ट्रेलिया, जापान, ताइवान और यूएस में तेजी से बढ़ रहा है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में सेल्फ-मैरिज करने की प्रैक्टिस ज्यादा पॉप्युलर होती नजर आ रही है। इस तरह की शादी को फेवर करने वाले लोग मानते हैं कि यह लोगों को खुद की वैल्यू करना और ज्यादा खुशहाल जिंदगी जीने का मौका देता है। एक ओर जहां कहा जाता है कि साथी के बिना जीवन अधूरा है, तो वहीं सलोगमी संदेश देता है कि ‘मैं खुद के लिए काफी हूं।’